Menu
blogid : 3824 postid : 40

हाय फ्रेंड हाउ आर यु

Alok Tiwari
Alok Tiwari
  • 25 Posts
  • 12 Comments

पहले एक सवाल

कभी सोचा है आपके दोस्त कितने हैं… दो, चार, दस, बीस… पचास…

अब सोचिए, इनमें से ऐसे कितने हैं जिनके साथ आप अपनी फैमिली ऐलबम की तस्वीरें शेयर करते हैं। या कहें कि इनमें से ऐसे कितने हैं जो आपके घर आ जाएं तो आप उन्हें आप सिंगापुर या नैनीताल में मनाई छुट्टी की फैमिली तस्वीरें दिखाएंगे?

अगर ये सभी एकसाथ आपको मिल जाएं तो उनमें से कितनों के साथ आप नौकरी में आ रही दिक्कत की बात करेंगे या फिर कितनों को बताएंगे कि आप के मन में किसे लेकर क्या खुंदक चल रही है?

सोचिए तो गिनती के कुछ ही ऐसे लोग होंगे जिन्हें आप दिल से दोस्त मानते होंगे, जिनके साथ आप रियल लाइफ की बातें शेयर करना चाहते होंगे।

अब एक मिसाल

फेसबुक पर एक मेसेज आया – मिस्टर पी ( नाम बदला है) आपके दोस्त बनना चाहते हैं। इस नाम के शख्स को मैं जानता नहीं था और तस्वीर देखकर भी पहचान में नहीं आया। सो मैंने संदेश भेजा – मिस्टर पी, क्या हम एक-दूसरे को जानते हैं? जवाब आया : नहीं, मैं आपको नहीं जानता हूं लेकिन मेरे एक दोस्त का फर्स्ट नेम आपका जैसा ही है।

अरे, जब तुम्हें यह पता है कि मैं तुम्हारा वह दोस्त नहीं हूं तो मुझे फ्रेंड रिक्वेस्ट क्यों भेज रहे हो? फेसबुक पर रोजाना ऐसे कई दोस्ती के पैगाम आते हैं जिन्हें हम ठीक से जानते भी नहीं।

अब बात यह उठती है कि दोस्ती के ऐसे संदेशों का क्या करें। हममें से अधिकतर बिना हिचके अनजान लोगों को भी दोस्त बना लेते हैं, यह सोचकर कि क्या जाता है। लेकिन यह जानना बहुत जरूरी है कि जिस तरह हर अनजान को हम रियल लाइफ में दोस्त नहीं बनाते, ज्यादा से ज्यादा दुआ-सलाम होकर बात खत्म करते हैं, उसी तरह फेसबुक पर भी कुछ करने की जरूरत है।

ऐसी दोस्ती के नुकसान

1. आप क्यों अपनी प्राइवेट लाइफ हरेक के साथ शेयर करें, फेसबुक में हम तस्वीरें, विडियो और अपनी पर्सनल लाइफ से जुड़ीं कई अहम बातें शेयर करते हैं। कई बार तो आप उन्हें अपने पक्के दोस्तों के लिए पोस्ट करते हैं लेकिन वह सारी दुनिया तक पहुंच जाती हैं। प्राइवेसी सेटिंग्स में जाकर ऑनली फ्रेंड्स का ऑप्शन रखकर इसे लिमिटेड किया जा सकता है लेकिन अगर आप हरेक को ही दोस्त बनाने पर तुले हों तो क्या किया जाए।

2. आपकी पर्सनल जानकारी को कोई मिसयूज़ भी कर सकता है। फोटो ही नहीं, आपके दोस्तों की लिस्ट, उनसे हो रही बातचीत और बाकी कई निजी पहलू हरेक को न ही बताएं तो अच्छा। इन्हें कोई किस जगह कैसे इस्तेमाल कर ले, इसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।

आखिर जब हम रियल लाइफ में अपनी प्राइवेसी का ख्याल रखते हैं तो वर्चुअल लाइफ में क्यों इतने खुल जाते हैं? क्यों असल जिंदगी में हमारे दो-चार ही दोस्त होते हैं लेकिन वर्चुअल लाइफ में 230 या 570?

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh