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! शायद यह मेरी तरफ से ऐसी प्रथाओं के विरुद्ध एक प्रयास साबित हो जाए। नए साल पर लगभग सभी लोग अपनी किसी बुरी आदत को छोड़ने और अच्छी को अपनाने का संकल्प लेते हैं। इस संकल्प को पूरा करने की हर सम्भव कोशिश भी करते हैं और अमूमन सफल भी होते हैं। आज समाज में ऐसी अनेक प्रथाएं हैं जिनको समाप्त करना आवश्यक बनता जा रहा है। हम सब ऐसी प्रथाओं को समाप्त करने का संकल्प क्यों नहीं लेते जो समाज के विकास में एक बहुत बड़ा रोड़ा बनी हुई हैं। ‘हॉरर किलिंग’ ऐसी प्रथाओं में से एक है। क्यों न इस साल ऐसी निंदनीय प्रथा का त्याग किया जाए जो हमसे न केवल हमारे अपनों को छीनने पर मजबूर करती है, बल्कि प्रेम जैसे प्यारे रिश्ते का भी अपमान करती है।
! एक भाई के सर पर अपनी ही बहन का खून करने का भूत इस कदर सवार हो जाता है कि वह उस राखी तक को भूल जाता है, जिसे अपनी बहन से बंधवाते हुए वह उसकी रक्षा करने की कसम खाता है।
? भाईयों की इस करतूत को कोसने वाले लोग पीठ पीछे यही कहते-फिरते हैं कि जो हुआ ठीक ही हुआ। उन्हीं लोगों ने क्या कभी यह सोचने की कोशिश की कि ऐसा करने की नौबत क्यों आई? क्यों किसी लड़की ने ऐसा कदम उठाया?
! जहां प्रेम हो, वहां उसे विवाह के पवित्र बंधन में बंधने से कोई परंपरा या कानून नहीं रोक सकता। हां, लेकिन कानून बनने से हॉरर किलिंग जैसी घटनाओं को जरूर रोका जा सकता है।
नया साल सभी को बहुत-बहुत मुबारक हो और सबके जीवन में ढेरों खुशियां लेकर आए!
alok tiwari
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